Tuesday, August 18, 2009

सारा आकाश

आजाद भारत की युवा पीढ़ी के वर्तमान की त्रासदी और भविष्य का नक्शा। आश्वासन तो यह है कि सम्पूर्ण दुनिया का सारा आकाश तुम्हारे सामने खुला है-सिर्फ तुम्हारे भीतर इसे जीतने और नापने का संकल्प हो- हाथ पैरों में शक्ति हो...मगर असलियत यह है कि हर पाँव की बेड़ियाँ हैं और हर दरवाजा बंद है। युवा बेचैनी को दिखाई नहीं देता है किधर जाए और क्या करे। इसी में टूटती है उसका तन, मन और भविष्य का सपना। फिर वह क्या करे-पलायन, आत्महत्या या आत्मसमर्पण ?

EDUCATION!!!


It is a thousand times better to have common sense without education than to have education without common sense.